

समीपस्थ तीर्थ

सुमेरु नवकार तीर्थ - करजण

श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान
गुजरात में वडोदरा जिले में करजण नगर से केवल 1 कि. मी. दूर मियागाम नाम का गांव है। इसका प्राचीन नाम महिआ नगरी था। किसी जमाने में यहां हजारो परिवार रहते थे।
गांव में 4 शिखरबंधी जिनालय थे। गांव में जैनियो की आबादी कम हुई। प्रभु पूजा करनेवाले नही रहे , जिनालयों में आशातना होने लगी।
यह आशातना दूर करने के लिये बंधु बेलड़ी आचार्य श्री जिनचंद्रसागरसूरि और आचार्य श्री हेमचंद्रसागरसूरि ने मियागाम के जैन संघ के अग्रणियों को प्रभु प्रतिमा को अन्यत्र बिराजमान करने की प्रेरणा दी। किन्तु उनकी इच्छा नही होने से पूज्यश्री ने मियागाम के सभी जिनालयो की प्रतिमाएँ एक साथ प्रतिष्ठित हो सके ऐसे सुमेरु – नवकार तीर्थ की कल्पना प्रस्तुत की। जिससे सभी अग्रणी संतुष्ट हुए।
सुमेरु नवकार तीर्थ में बंधु बेलड़ी आचार्य श्री जिनचंद्रसागरसूरि और आचार्य श्री हेमचंद्रसागरसूरि महाराज साहेब की निश्रा में महा वद 7 , 14/2/2001 के शुभ दिन अष्टान्हिका महोत्सव पूर्वक अंजनशलाका प्रतिष्ठा हुई। श्रेष्ठी किशोरभाई भीमजी संघवी ने महोत्सव का संपूर्ण लाभ लिया था।
जिनालय में मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान बिराजमान है। प्रभु की प्रतिमा अति प्राचीन है। ऊपरी मंजिल में सीमंधर स्वामी आदि 19 विहारमान भगवान की प्रतिमा बिराजमान है।
धर्मशाला , भोजनशाला की सुंदर व्यवस्था है। यह तीर्थ मियागाम करजण स्टेशन से 13 कि. मी. दूर है। अणस्तु तीर्थ यहा से 5 कि. मी. है।
पता
सुमेरु नवकार जैन तीर्थ – सुवर्ण मंदिर, वडोदरा, करजण, गुजरात 391240
फोन नंबर
02666-231010
समय
प्रातः 6:00 बजे से 11.30 बजे तक, रात्रि: 6:00 बजे से 9:00 बजे तक
अयोध्यापुरम तीर्थ परिचय
