सेवा प्रकल्प

सेवा प्रकल्प

आचार्य देव श्री बंधु बेलड़ी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से श्री जैन आर्य तीर्थ अयोध्यापुरम में 

भारत की भव्यता,  गुजरात के गौरव और सौराष्ट्र के स्वर्ग
की परिकल्पना साकार रूप ले रही है

भोजनशाला

एक साथ एक हजार यात्री एक पंगत और एक संगत में बैठकर भारतीय संस्कृति और जैन दर्शन के अनुरूप पौष्टिक, स्वादिष्ट और सात्विक भोजन कर सके इसके लिए समुचित सुविधाजनक इंतजाम किए गए हैं।

यहां हर साल कोई 3000 साधु साध्वी जी और लगभग 3,00,000 तीन लाख यात्री निःशुल्क सधार्मिक भक्ति का लाभ लेते हैैं।

शत्रुंजय गिरिराज पालिताणा मार्ग पर अयोध्यापुरम तीर्थ के स्थित होने से भारत के कौने कौने से आने-जाने वाले तीर्थ यात्री इस निःशुल्क सधार्मिक भक्ति की सेवा का लाभ पिछले बीस साल से ले रहे हैं।भारतभर के दानदाताओं के सहयोग से यह संभव हो रहा है।

धर्मशालाएं

आवश्यक आवासीय सुविधाओं से परिपूर्ण दो बड़ी धर्मशाला यात्रियों के लिए उपलब्ध है। यहां स्वच्छ परिवेश में वातानुकूलित और सामान्य कुल 100 कक्षवाली धर्मशालाओं में 24*7 बिजली, पानी, लिफ्ट सहित अन्य इंतजाम उपलब्ध करवाए गए हैं, जिनमें ठहरने के लिए अग्रिम बुकिंग की सुविधा दी गई है।

उपाश्रय

तीर्थ परिसर में 4 बड़े उपाश्रय की सुविधा विहार करने वाले साधु साध्वीजी के लिए की गई है। सम्पूर्ण व्यवस्था उनके संयम जीवन के अनुकूल है।  यहीं एक हजार व्यक्ति की क्षमतावाले विशाल आराधना हाल का निर्माण भी किया गया है।

गौशाला

पूज्य मुनि श्री मलयचन्द्रसागर जी म.सा. की स्मृति में સંचालित गौशाला में आज 125 से अधिक गौवंश की समग्र सेवा की जाती है। यहां कत्लखाने जाने से बचाने गई गौवंश के साथ बेसहारा गायों की भी सेवाभाव से देखभाल की जाती है।

जीवदया प्रेमियों और श्रीसंघ के सहयोग से गोवंश को ऋतु अनुकूल आहार के साथ आवश्यकता अनुरूप चिकित्सा आदि की सुविधा सेवाभाव से दी जाती है। इनसे प्राप्त होने वाले शुद्ध और पौष्टिक दूध का उपयोग परमात्मा, साधु साध्वीजी के अतिरिक गुरुकुल के विधार्थियों के लिए होता है।

चिकित्सालय

तीर्थ संकुल में एक आयुर्वेदिक और एक एलोपैथिक चिकित्सालय संचालित है। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सक हर साल कोई 10 हजार लोगों को निःशुल्क प्राथमिक चिकित्सा परीक्षण और उपचार की सुविधा मुहैया करवाते हैं। ये मरीज तीर्थ क्षेत्र के आसपास गांवों में रहने वाले लोगो के साथ तीर्थ में आने वाले यात्री होते हैं।

समय समय पर निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का भी आयोजन कर गंभीर रोगों के उपचार के लिए मरीजों का चयन किया जाता है।

अभयहॉल

विशिष्ट प्रयोजन के लिए एक हजार लोगों की बैठक क्षमता वाले हॉल का निर्माण किया गया है ताकि संघ, सामाजिक संस्थाएं यहां कार्यक्रम आयोजित कर सके। उनके लिए यहां प्रवचन, भोजन निर्माण, आवास आदि की सुविधा दी गई है। इसी के साथ तीर्थ परिसर से लगी कोई 15000 स्क्वेयर फीट भूमि भी छ’रि पालित संघों के लिए रखी गई है।

यात्री सुविधा

अयोध्यापुरम तीर्थ में आने वाले यात्रियों को असुविधा नहीं हो इस उद्देश्य से बाहर एक बस स्टॉप और जल मन्दिर की सुविधा दी गई है, साथ में पर्व विशेष पर आने वाले यात्रियों के वाहनों के लिए पार्किंग के लिए पृथक सुविधा है।

सेवा परिवार

तीर्थ परिसर में उपरोक्त सभी सुविधा और व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कोई 100 से ज्यादा सेवाभावी कार्यकर्ताओं की टीम हमेशा कार्यरत रहती है। जो आगंतुकों की पूर्ण आत्मीयता और तत्परता से सेवा में जुटी रहती है। हरियाली से आच्छादित तीर्थ संकुल में स्व्च्छता पर विशेष फोकस किया गया है, जिससे स्वच्छ भारत जैसे अभियान के प्रति लोगो में जाग्रति आने से सद्प्रयासों को गति मिलती है।

ज्ञान मन्दिर

यहां लगभग तीन हजार से अधिक ज्ञान, ध्यान, साधना, उपासना और जिनशासन के गौरव से जुडी पुस्तकों का ज्ञान भंडार उपलब्ध है।

परमार्थ गतिविधियाँ

  • हर माह की पूर्णिमा पर जरूरतमंद परिवारों की सेवा का कार्य करते हुए कोई 65 परिवारों को लगभग एक हजार रूपये कीमत की जीवन निर्वहन के लिए आवश्यक सामग्री और वस्तुएं प्रदान की जाती है।
  • प्राकृतिक आपदा के समय संस्था सेवा धर्म का तत्परता से निर्वहन करते हुए उन तक जरूरी मदद और सामग्री पहुँचाने का कार्य करती आ रही है। बाढ़, अकाल, सूखा, भूकम्प आदि प्रतिकूल परिस्थिति में सहायता कर सामाजिक दायित्व का बखूबी निर्वहन किया जाता है।
  • ऐसे बच्चे जो तंग स्थिति के चलते पढ़ने से वंचित रह जाते है उनके लिए संस्था द्वारा पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाकर उन्हें शिक्षा ग्रहण करने में मदद की जाती है। गर्मी के मौसम के अतिरिक्त अति और अल्प वृष्टि के समय बेसहारा मवेशियों के लिए हरी घांस, पानी, चिकित्सा आदि की सुविधा का सेवा कार्य लगातार चलता रहता है।

“मनुष्य को धर्म और धर्मी से सदा आदर
रखना चाहिए।”