

अन्य आकर्षण

अन्य आकर्षण



भव्य प्रवेश द्वार
तीर्थ के भव्य कलात्मक प्रवेश द्वार पर राजा ऋषभदेव के पुत्र भरत चक्रवर्ती और बाहुबली राजमुद्रा में विराजित हैं।


नृत्य करती बूंदे
परिसर में प्रवेश के साथ ही फव्वारे पर कमल की आकृति पर हाथी पर विराजित हैं। यहां, चक्रवर्ती भरत चआदिनाथ भगवान की माता मरूदेवी जी को दर्शन के लिए लेकर जा रहे है, इस प्रसंग को बेहद ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है।


वात्सल्य मन्दिर
विश्व में सर्वप्रथम गजपीठ पर विराजित माता-पिता वात्सल्य मन्दिर में 24 माता- पिता को हाथों में उठाये दिखाया गया है। सूरीयंत्र पञ्च प्रस्थान मन्दिर, मणि भद्रयक्षराजजी मन्दिर के साथ जिन शासन के अधिष्ठाता देव देवियों की दर्शन योग्य जीवंत स्थापना की गई है।


उमदा प्रस्तुतिकरण
मन्दिर के गर्भगृह में भगवान ऋषभदेव का चित्र फलक पर जीवन चित्र के माध्यम से दर्शाया गया है। यहां जिनशासन, संस्कार, संस्कृति के सर्जन का जीवंत उमदा प्रस्तुतिकरण किया गया है। मन्दिर में प्रवेश के पहले हाथ में घंट के साथ गजपीठ का निर्माण किया गया है।


पंचार्थी
यहां एक साथ पांच तीर्थ का धर्मलाभ श्रद्धा, कला, सेवा,शिक्षा और करुणा तीर्थ के रूप में मिलता है।
अयोध्यापुरम तीर्थ परिचय
